ओटीपी के नाम पर नया फर्जीवाड़ा! बीएलओ बनकर सक्रिय जालसाज—गोरखपुर प्रशासन ने बजाया अलर्ट का सायरन

ओटीपी के नाम पर नया फर्जीवाड़ा! बीएलओ बनकर सक्रिय जालसाज—गोरखपुर प्रशासन ने बजाया अलर्ट का सायरन
  • आर.वी.9 न्यूज़ | ब्यूरो प्रमुख- एन. अंसारी

गोरखपुर। जिले में एसआईआर (स्पेशल समरी रिवीजन) वेरिफिकेशन के बहाने एक नया और खतरनाक साइबर फर्जीवाड़ा तेजी से पांव पसार रहा है। जालसाज खुद को बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) बताकर मतदाता सूची सत्यापन का हवाला देते हैं और लोगों से मोबाइल पर भेजा गया ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) मांग रहे हैं। प्रशासन ने इसे गंभीर साइबर ठगी बताते हुए साफ शब्दों में कहा है— “बीएलओ कभी ओटीपी नहीं मांगते, ओटीपी साझा करना अपनी आर्थिक सुरक्षा जोखिम में डालना है।”


जालसाज बदल रहे हैं तरीका, सरकारी पहचान का दुरुपयोग

गोरखपुर जिले में साइबर ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को निशाना बना रहे हैं। मतदाता सूची संशोधन के नाम पर फोन कर वे खुद को बीएलओ बताते हैं और दावा करते हैं कि आपके दस्तावेज या पता सत्यापित करने हैं। इसी बहाने वे मोबाइल पर आए ओटीपी की मांग करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे ही आप ओटीपी साझा करते हैं, जालसाज आपके बैंक खाते, यूपीआई, ई-वॉलेट, ईमेल और सोशल मीडिया पर कब्जा जमा लेते हैं। कई मामलों में पीड़ितों के खाते मिनटों में खाली हो चुके हैं।


प्रशासन का सख्त संदेश—“बीएलओ घर-घर जाते हैं, ओटीपी कभी नहीं मांगते”

जिला प्रशासन व चुनाव कार्यालय ने दो-टूक कहा है—

  • बीएलओ केवल फॉर्म भरवाने और दस्तावेज एकत्र करने का काम करते हैं।

  • किसी भी स्थिति में वे ओटीपी, बैंक डिटेल, पासवर्ड, एटीएम नंबर या गोपनीय जानकारी नहीं मांगते।

यदि कोई व्यक्ति बीएलओ बनकर ओटीपी मांग रहा है, तो वह निश्चित रूप से जालसाज है।


ओटीपी साझा किया तो खतरा बेहद बड़ा—खाली हो सकता है बैंक खाता

साइबर सेल ने चेताया है कि जागरूकता की कमी के कारण लोग जालसाजों की बातों में आ जाते हैं। ओटीपी साझा करते ही जालसाज:

  • बैंक व डिजिटल पेमेंट ऐप्स में लॉगिन कर लेते हैं

  • खाते से पैसे ट्रांसफर कर देते हैं

  • आपके नाम से और भी वित्तीय अपराध कर सकते हैं

यह सिर्फ एक धोखाधड़ी नहीं, बल्कि पहचान चोरी का बड़ा खतरा भी है।


 ऐसे बचें इस नए साइबर जाल से — प्रशासन की सलाह

  • ओटीपी, पासवर्ड, बैंक डिटेल्स किसी को न दें — चाहे वह खुद को सरकारी अधिकारी ही क्यों न बताए।
  • बीएलओ फोन पर सत्यापन नहीं करते, न ही ओटीपी मांगते हैं।
  • संदिग्ध कॉल या संदेश मिले तो तुरंत 1930 (साइबर हेल्पलाइन) पर शिकायत करें।
  • KYC, वोटर आईडी अपडेट, बैंक वेरिफिकेशन के नाम पर आई कॉल को तुरंत काट दें।
  • कॉल करने वाले नंबर को ब्लॉक कर साइबर सेल को सूचित करें।

 प्रशासन की अपील—“जानकारी साझा करें, किसी को ठगी का शिकार न होने दें”

गोरखपुर प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि इस जानकारी को अपने परिवार, पड़ोस, परिचितों और खासकर बुजुर्गों तक जरूर पहुंचाएं। यदि किसी को संदिग्ध कॉल या मैसेज मिले तो तुरंत निकटतम थाने या साइबर सेल को सूचना दें ताकि समय रहते कार्रवाई हो सके।


“सतर्कता ही सुरक्षा है”—गोरखपुर प्रशासन

प्रशासन ने नागरिकों को चेताते हुए कहा है— “ओटीपी साझा करते ही आपकी आर्थिक सुरक्षा खत्म हो सकती है। खुद भी जागरूक रहें और आसपास के लोगों को भी जागरूक करें।”