खेत में करंट से चाची-भतीजे की दर्दनाक मौत, गांव में मचा कोहराम

खेत में करंट से चाची-भतीजे की दर्दनाक मौत, गांव में मचा कोहराम

डीहवा तरौधी में हादसे के बाद फूटा गुस्सा, शव रखकर प्रदर्शन — पुलिस ने समझा-बुझाकर कराया शांत

  • आर.वी.9 न्यूज़ | संवाददाता, मनोज कुमार

आजमगढ़। संवाददाता।
एक दर्दनाक हादसे ने बुधवार की सुबह आजमगढ़ जिले के तहबरपुर थाना क्षेत्र के डीहवा तरौधी गांव को झकझोर कर रख दिया। खेत में काम करते समय बिजली के करंट की चपेट में आने से चाची और भतीजे की मौत हो गई। दोनों की मौत से गांव में मातम छा गया और गुस्से से भरे ग्रामीणों ने शव को आरोपी के घर के सामने रखकर घंटों हंगामा किया। मौके पर कई थानों की पुलिस, सीओ बूढ़नपुर और एसडीएम निजामाबाद पहुंचे और समझा-बुझाकर स्थिति को काबू में किया।


 खेत की तारबंदी बनी मौत का जाल

गांव निवासी धीरज (18 वर्ष) पुत्र राजेंद्र प्रसाद यादव बुधवार सुबह अपनी चाची रजनी (40 वर्ष) पत्नी हरेंद्र यादव के साथ खेत में आलू की खुदाई करने गए थे। खेत के बिल्कुल पास ही गांव के एक अन्य व्यक्ति का खेत था, जिसने पशुओं से फसल बचाने के लिए चारों ओर लोहे के तारों से बाड़ लगाई थी और उसमें करंट प्रवाहित कर रखा था। काम करते समय धीरज का फावड़ा उस तार में उलझ गया। जब उसने फावड़ा छुड़ाने की कोशिश की, तभी वह तेज करंट की चपेट में आ गया और तड़पने लगा। भतीजे को बचाने के लिए दौड़ी चाची रजनी भी उसी तार से चिपक गई। जब तक लोग खेत तक पहुँचे, तब तक धीरज की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि रजनी को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया


 आरोपी के घर के सामने शव रखकर ग्रामीणों का प्रदर्शन

दोनों की मौत की खबर फैलते ही गांव में मातम और गुस्सा दोनों छा गया। ग्रामीणों ने दोनों शवों को आरोपी के घर के सामने रखकर जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि आरोपी ने खेत में 11 हजार वोल्ट की लाइन से सीधे करंट जोड़ा था, जिससे यह हादसा हुआ। लोगों का कहना था कि अगर “झटका मशीन” होती, तो व्यक्ति को झटका देकर छोड़ देती — लेकिन यह सीधा बिजली प्रवाह था, जिसने दो जिंदगियों को छीन लिया। सूचना मिलते ही तहबरपुर, कंधरापुर और निजामाबाद थाने की पुलिस मौके पर पहुँची। सीओ बूढ़नपुर और एसडीएम निजामाबाद ने ग्रामीणों को कार्रवाई का भरोसा दिलाया और दो घंटे की मशक्कत के बाद स्थिति को शांत कराया। इस बीच फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुँचकर साक्ष्य एकत्र किए। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।


 “गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज होगा” — एसपी ग्रामीण

एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि प्रथम दृष्टया खेत में लगाए गए तार में करंट प्रवाहित करने से ही हादसा हुआ है।

“अभी तक पीड़ित पक्ष की तरफ से तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने के बाद आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या (304 आईपीसी) के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजा जाएगा,”
उन्होंने कहा।


पहले भी करंट से गई थी मासूम की जान

यह कोई पहली घटना नहीं है जब खेत में बिजली के तार मौत का कारण बने हों। 30 अप्रैल 2025 को महाराजगंज थाना क्षेत्र के अराजी अमानी गांव में खेत के खुले विद्युत तारों की चपेट में आकर 10 वर्षीय अरुण यादव की दर्दनाक मौत हो गई थी। वह खेत की ओर गया था और अनजाने में खुले तार को छू बैठा था।


बिजली के करंट से मौतें — लापरवाही की “घातक कीमत”

ग्रामीण इलाकों में पशुओं से फसल बचाने के लिए लोग अक्सर तारों में करंट दौड़ा देते हैं, लेकिन यह असावधानी मौत की वजह बन रही है। धीरज और रजनी की असमय मौत ने फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि आखिर कब तक ऐसी घातक लापरवाहियाँ निर्दोष जिंदगियों को निगलती रहेंगी? प्रशासन के लिए यह केवल जांच का विषय नहीं, बल्कि गांवों में सुरक्षा और जन-जागरूकता का अलार्म है।