बड़हलगंज में एक दिन की थानेदार बनी 10वीं की छात्रा ओजस्वनी सिंह, सुनी जनता की फरियाद और दी समाधान की दिशा

- आर.वी.9 न्यूज़ | संवाददाता, शुभम शर्मा
बड़हलगंज, गोरखपुर
गोरखपुर के बड़हलगंज थाने में मंगलवार, 30 सितंबर 2025 को एक अनोखा और प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किया गया। मिशन शक्ति फेज-05 के तहत सेंट जोसेफ स्कूल की कक्षा 10वीं की छात्रा ओजस्वनी सिंह को एक दिन के लिए थानाध्यक्ष बनाया गया। इस पहल का उद्देश्य न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था, बल्कि युवाओं में नेतृत्व और जिम्मेदारी की भावना जगाना भी था।
थाने की कमान संभाली, जनता की सुनी फरियाद
ओजस्वनी सिंह ने इस दौरान थाने का कार्यभार संभाला और पुलिस कार्यप्रणाली को नज़दीक से समझा। उन्होंने महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों की जानकारी ली और जनता की फरियाद सुनकर समाधान के निर्देश दिए। थाना स्टाफ ने उन्हें विभिन्न शाखाओं की जिम्मेदारियों और कामकाज के बारे में विस्तार से बताया, जिससे छात्रा ने वास्तविक नेतृत्व अनुभव प्राप्त किया।
प्रशासन और विद्यालय की सराहना
थाना प्रभारी चंद्र भान सिंह ने कहा कि मिशन शक्ति अभियान का लक्ष्य बेटियों को सशक्त बनाना और उनमें नेतृत्व की भावना विकसित करना है। उन्होंने जोर देकर कहा—
“आज की बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। उन्हें सपनों को साकार करने में सहयोग करना हमारी जिम्मेदारी है।”
मिशन शक्ति प्रभारी एसआई कृष्ण कुमार गुप्ता ने बताया कि “एक दिवस के थानाध्यक्ष बनने का अनुभव युवाओं में आत्मविश्वास और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाता है। यह उन्हें भविष्य के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करता है।”
सेंट जोसेफ स्कूल के फ़ादर रिंसो ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा—
“ओजस्वनी जैसी प्रतिभाशाली छात्राएं देश का उज्ज्वल भविष्य हैं। उन्हें इस तरह के अवसर मिलने से समाज सेवा और नेतृत्व की भावना और मजबूत होती है।”
सहभागिता और प्रभाव
कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र-छात्राएं, शिक्षकगण, थाना स्टाफ और स्थानीय गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने मिशन शक्ति अभियान की इस पहल की सराहना की और इसे बेटियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
बड़हलगंज की यह पहल दर्शाती है कि जब युवा पीढ़ी को अवसर दिए जाते हैं और नेतृत्व का अनुभव मिलता है, तो वे समाज में सकारात्मक बदलाव की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। ओजस्वनी सिंह की यह अनुभव यात्रा केवल उसका व्यक्तिगत विकास नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई।