बड़हलगंज में इलाज की लापरवाही का सनसनीखेज आरोप — 15 वर्षीय किशोरी की मौत से मचा कोहराम, परिजनों का अस्पताल प्रशासन पर गंभीर निशाना

बड़हलगंज में इलाज की लापरवाही का सनसनीखेज आरोप — 15 वर्षीय किशोरी की मौत से मचा कोहराम, परिजनों का अस्पताल प्रशासन पर गंभीर निशाना
  • आर.वी.9 न्यूज़ | संवाददाता, चंद्रप्रकाश मौर्य

बड़हलगंज |

पटना चौराहे पर स्थित रामधनी हॉस्पिटल उस समय चर्चा में आ गया जब इलाज के दौरान एक 15 वर्षीय मासूम किशोरी की मौत हो गई। परिवार की चीखें, रिश्तेदारों का रोष और स्थानीय लोगों की भीड़… पूरा माहौल एक दर्दनाक हादसे की गवाही दे रहा था। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामला थाने तक पहुँचा दिया है। घटना ने इलाके में चिकित्सा व्यवस्थाओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।


अचानक बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में बढ़ी बेचैनी

जानकारी के अनुसार, किशोरी की तबीयत अचानक गंभीर रूप से बिगड़ने पर उसे रामधनी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। परिजनों को उम्मीद थी कि अस्पताल में उसे बेहतर उपचार मिलेगा, लेकिन जो कुछ हुआ, उससे परिवार के सपने, उम्मीदें और भरोसा सब कुछ टूट गया। परिजनों का कहना है कि शुरुआत से ही डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ ने ढिलाई बरती। न तो समय पर इलाज हुआ और न ही गंभीरता दिखाई गई। उनकी मानें तो हर बीतते मिनट के साथ बच्ची की हालत बिगड़ती चली गई, लेकिन अस्पताल की ओर से न तो वरिष्ठ डॉक्टर बुलाया गया और न ही कोई विशेषज्ञ इलाज उपलब्ध कराया गया।


विस्तार: ‘लापरवाही ने ले ली जान’, परिजनों का आक्रोश चरम पर

किशोरी की खराब हालत को परिवार बार-बार डॉक्टरों को बताता रहा, मगर स्टाफ की उदासीनता ने हालात और भयावह बना दिए। परिजनों ने आरोप लगाया कि न तो जरूरी जांचें समय पर की गईं और न ही गंभीर मरीज के लिए जरूरी प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई गई। उनका कहना है कि यदि समय रहते सही इलाज मिलता, तो आज उनकी बेटी जिंदा होती। घटना की सूचना मिलते ही परिजन सीधे बड़हलगंज थाने पहुंचे और अस्पताल के खिलाफ लिखित तहरीर दी। पुलिस ने शिकायत को संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू कर दी है। किशोरी का पोस्टमार्टम करवाया गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का वास्तविक कारण स्पष्ट हो सकेगा। घटना के बाद पटना चौराहे और आसपास के क्षेत्र में लोगों में भारी आक्रोश है। स्थानीय लोग खुले तौर पर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि अस्पताल में पहले भी लापरवाही की शिकायतें सामने आई थीं, लेकिन इस बार मामला मौत तक पहुँचने के कारण बेहद गंभीर हो गया है।


न्याय की मांग और स्वास्थ्य सुविधाओं पर बड़ा सवाल

यह घटना सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है — जब स्वास्थ्य व्यवस्था ही भरोसे के काबिल न रहे, तो आम आदमी जाए कहाँ? 15 वर्षीय मासूम की मौत ने स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। परिजन न्याय की गुहार लगा रहे हैं और पुलिस की जांच पर निगाहें टिकी हैं। वहीं, स्थानीय लोग इस घटना को एक उदाहरण बताते हुए आवाज उठा रहे हैं कि ऐसे अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि किसी और परिवार को ऐसी पीड़ा न झेलनी पड़े। जांच के नतीजों का इंतज़ार है, लेकिन फिलहाल बड़हलगंज में दर्द, ग़म और आक्रोश की लहर साफ दिखाई दे रही है।