दुकान से उठा ले गए दबंग, कमरे में ताला बंद कर बेरहमी से पीटा — पुलिस ने दी जान

गोरखपुर के हाटा बाजार में देर रात दिल दहला देने वाली वारदात, रंगदारी मांगने पर व्यापारी के बेटे को बनाया निशाना
क्राइम रिपोर्टर, गोरखपुर (उत्तर प्रदेश):
गगहा थाना क्षेत्र के हाटा बाजार में सोमवार देर रात एक दर्दनाक और भयावह घटना ने बाजार के व्यापारियों और आम लोगों के बीच सनसनी फैला दी। तीन दबंग युवकों ने एक व्यापारी के बेटे को दुकान से उठाकर न सिर्फ बेरहमी से पीटा, बल्कि उसका अपहरण कर कमरे में ताला बंद कर जानलेवा हमले की कोशिश की।
पीड़ित युवक शिवम पाठक, फर्नीचर दुकानदार मनोज पाठक का बेटा है, जो दुकान पर सोया हुआ था। रात लगभग 12:15 बजे, एक चारपहिया वाहन में सवार तीन युवक वहां पहुंचे और दुकान के भीतर घुसकर शिवम को पीटना शुरू कर दिया। इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया गया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, हालांकि इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
दुकान से उठा ले गए, कमरे में कैद कर पीटा
मनोज पाठक ने गगहा पुलिस को दी तहरीर में बताया कि हमलावरों ने रंगदारी की मांग की, और मना करने पर शिवम को जबरन अपनी गाड़ी में बैठाकर गांव लौहररपुर स्थित 'कृष्णा मॉडल शॉप' ले गए। वहां के गेट में ताला जड़ दिया गया और शिवम को एक कमरे में बंद कर बुरी तरह से पीटा गया।
शिवम की सतर्कता से बची जान
घटना के बीच किसी तरह शिवम ने मौका पाकर मोबाइल से पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही गगहा पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची, लेकिन वहां का मुख्य गेट बंद था। बिना देर किए पुलिस कर्मी गेट फांदकर अंदर दाखिल हुए और कमरे में बंद शिवम को गंभीर हालत में बाहर निकाला। हमलावरों को पुलिस ने वहीं से हिरासत में ले लिया।
अस्पताल में भर्ती, हालत गंभीर
शिवम को तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। शरीर पर कई गंभीर चोटों के निशान हैं और हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
थाने में दर्ज हुआ मुकदमा, कार्रवाई शुरू
थाना प्रभारी गगहा सुशील कुमार ने बताया कि
“प्राप्त तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया जा रहा है।”
बाजार में दहशत, व्यापारियों में रोष
हाटा बाजार में इस बर्बर घटना के बाद व्यापारियों और स्थानीय निवासियों में गहरी दहशत है। लोगों का कहना है कि अगर अपराधियों में डर नहीं रहा तो आम जनता कितनी असुरक्षित है। घटना ने प्रशासन और पुलिस की निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
पीड़ित पिता की गुहार: "समय से पुलिस न पहुंचती तो बेटा आज जिंदा न होता"
शिवम के पिता मनोज पाठक की आंखें अभी भी डरी हुई हैं। उन्होंने कहा:
“अगर समय रहते गगहा पुलिस न पहुंचती, तो आज मेरे बेटे की लाश घर आती। मैं प्रशासन से मांग करता हूं कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए, ताकि फिर कोई बाप ऐसा डर न देखे।”
समाज को चेतावनी और संदेश
यह घटना केवल एक परिवार का संकट नहीं, संपूर्ण समाज के लिए चेतावनी है—कि अपराधियों का हौसला तब तक बुलंद रहेगा जब तक प्रशासनिक सख्ती नहीं दिखाई जाती। साथ ही यह एक मिसाल भी है, कि सतर्कता और त्वरित पुलिस कार्रवाई कैसे एक जान बचा सकती है।
हम सब की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे मामलों पर मौन न रहें, आवाज उठाएं — ताकि अपराध के खिलाफ कानून का डर बना रहे और नागरिक सुरक्षित रहें।