आईएनएस चिल्का पर ऐतिहासिक क्षण! अग्निवीर 02/24 बैच ने रचा नया अध्याय, भव्य पासिंग आउट परेड संपन्न

2966 वीरों की गर्जना, समर्पण और साहस का उत्सव – भारतीय नौसेना के भविष्य की मजबूत नींव रखी
ओडिशा – भारतीय नौसेना के गौरवशाली इतिहास में आईएनएस चिल्का ने एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ा जब अग्निवीर 02/24 बैच की भव्य पासिंग आउट परेड (पीओपी) का आयोजन हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर 2966 प्रशिक्षुओं ने अपनी उत्कृष्ट प्रशिक्षण यात्रा पूरी की, जिनमें 402 महिला अग्निवीर, 288 एसएसआर (मेडिकल असिस्टेंट) और 227 नाविकों सहित एक सशक्त नौसेना बल ने आकार लिया।
यह परेड सूर्यास्त के बाद एक अनूठे समारोह के रूप में आयोजित हुई, जो भारतीय नौसेना की अनुशासन, परंपरा और गौरवशाली संस्कृति को दर्शाती है। इस समारोह के मुख्य निरीक्षक दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल वी. श्रीनिवास थे, जबकि आईएनएस चिल्का के कमांडिंग ऑफिसर कमोडोर बी. दीपक अनील ने आयोजन का नेतृत्व किया।
सपनों को पंख, समर्पण का सम्मान – वीरों के गौरव का उत्सव
पासिंग आउट परेड का गौरव बढ़ाने के लिए पूर्व नौसैनिक सुरेड्डी शिव कुमार, संदीप गुप्ता, लोहरी बेसी, जीएस कोचर और खेल जगत के प्रतिष्ठित खिलाड़ी एल्डोश पॉल जैसे दिग्गज भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रशिक्षुओं के गौरवान्वित माता-पिता भी शामिल हुए, जिनकी आंखों में गर्व और खुशी की चमक साफ झलक रही थी।
यह आयोजन केवल प्रशिक्षण की समाप्ति का प्रतीक नहीं था, बल्कि एक नए जोश, जुनून और दृढ़ संकल्प के साथ भारतीय नौसेना में प्रवेश करने वाले अग्निवीरों के साहसिक सफर की शुरुआत भी थी। भारतीय नौसेना ने इन योद्धाओं को युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय, और भविष्य के लिए सशक्त बल में बदलने की अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।
अग्निवीरों को प्रेरणा और सम्मान
अपने जोशीले संबोधन में वाइस एडमिरल वी. श्रीनिवास ने प्रशिक्षुओं को अनुशासन, मेहनत और निष्ठा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने अग्निवीरों को नौसेना के मूल मंत्र – कर्तव्य, सम्मान और साहस को अपने जीवन में आत्मसात करने का संदेश दिया।
उन्होंने अग्निवीरों को संबोधित करते हुए कहा,
"आप केवल एक सैनिक नहीं, बल्कि राष्ट्र की ताकत और गौरव के प्रतीक हैं। अपने कौशल को निरंतर निखारें, तकनीकी रूप से सशक्त बनें और अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करें।"
उन्होंने वीर अग्निवीरों के माता-पिता का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा,
"आपके बच्चों ने आज न केवल अपना बल्कि पूरे देश का सम्मान बढ़ाया है। उनकी मेहनत और संघर्ष भारत की सुरक्षा का अभिन्न अंग बनेगा।"
इसके साथ ही मुख्य अतिथि ने 'उद्यमेन ही सिध्यन्ति कार्याणि' के आदर्श वाक्य को बनाए रखते हुए आईएनएस चिल्का की पूरी टीम की सराहना की।
शौर्य, परिश्रम और उत्कृष्टता को मिला सम्मान
इस गरिमामय अवसर पर मेधावी अग्निवीरों को पदक और ट्रॉफियों से सम्मानित किया गया:
???? देवराज सिंह राठौर, एवीआर (एमआर) – नौसेना प्रमुख रोलिंग ट्रॉफी एवं स्वर्ण पदक (सर्वश्रेष्ठ अग्निवीर एमआर)
???? प्रमोद सिंह, एवीआर (एसएसआर) – नौसेना प्रमुख रोलिंग ट्रॉफी एवं स्वर्ण पदक (सर्वश्रेष्ठ एसएसआर अग्निवीर)
???? मनसा गुलिविंदला, एवीआर (एसएसआर) – जनरल बिपिन रावत रोलिंग ट्रॉफी (सर्वश्रेष्ठ महिला अग्निवीर)
???? मोहित कुमार, एनवीके (जीडी) – महानिदेशक, भारतीय तटरक्षक रोलिंग ट्रॉफी एवं स्वर्ण पदक (सर्वश्रेष्ठ एनवीके (जीडी))
इसके अलावा आंग्रे डिवीजन को समग्र चैम्पियनशिप ट्रॉफी और एकलव्य डिवीजन को उपविजेता ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।
भविष्य की राह – राष्ट्र रक्षा की अटूट शपथ
इस गौरवशाली समारोह में, आईएनएस चिल्का की द्विभाषी प्रशिक्षु पत्रिका ‘अंकुर’ (02/24 संस्करण) का भी अनावरण किया गया, जो अग्निवीरों के प्रेरणादायक सफर को समर्पित है।
इस ऐतिहासिक आयोजन के साथ, भारतीय नौसेना ने एक बार फिर अपनी ताकत, आत्मनिर्भरता और भविष्य की तैयारी का संदेश पूरे राष्ट्र को दिया। यह सिर्फ एक परेड नहीं थी, बल्कि राष्ट्र की रक्षा के लिए समर्पित अग्निवीरों के नवयुग का आरंभ था!